अमृतसर: आज 14 दिसंबर को शिरोमणि अकाली दल का स्थापना दिवस है और आज ही शिअद के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा. जंहा सुखबीर सिंह बादल तीसरी बार अध्यक्ष चुना जाना तय है. सुखबीर को पार्टी के भीतर से कोई भी चुनौती नहीं मिल रही है. वहीं सुखबीर के सामने पिता प्रकाश सिंह बादल की राजनीतिक विरासत को बादल परिवार के विरोधियों से बचाने और अगले साल होने वाले एसजीपीसी चुनाव में अकाली दल की खो चुकी पंथक साख को दोबारा बहाल करवाने की चुनौती है.
वहीं इस बात का पता चला है कि एसजीपीसी चुनाव में अकाली दल अपने पंथक अस्तित्व को बचा पाता है, या नहीं, इससे 2022 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल की राजनीतिक स्थिति का आंकलन होगा. सुखबीर बादल की अध्यक्षता को चुनौती देने वाले टकसाली अकाली रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, पूर्व सांसद डॉ. रतन सिंह अजनाला और पूर्व मंत्री सेवा सिंह सेखवां सहित कुछ नेता पहले ही शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) का गठन कर चुके हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ लगभग चार दशक तक सिख राजनीति करने वाले सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं.
यदि हम बात करें सूत्रों कि तो 2008 में सुखबीर बादल पहली बार शिअद (बादल) के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे तब प्रकाश सिंह बादल ने एक मंझे हुए राजनेता के अनुसार पार्टी के तत्कालीन वरिष्ठ अध्यक्ष व मंत्री रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा से सुखबीर बादल के नाम का प्रस्ताव पेश करवाया था. ढींढसा ने सुखबीर बादल के नाम का अनुमोदन किया था.
सुखबीर बादल की कार्यप्रणाली रही है कटघरे में: जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद टकसाली अकालियों ने सुखबीर बादल की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया था. चुनाव में मिली हार के बाद इन टकसाली नेताओं ने सुखबीर बादल पर डेरा सिरसा के मुखी गुरमीत सिंह राम रहीम को माफी देने के साथ-साथ बरगाड़ी व बहिबल कलां में पुलिस की गोली से शहीद हुए दो सिख नौजवानों की मौत के आरोप लगाए थे. अकाली दल के इतिहास में सुखबीर बादल 2008 में सबसे कम उम्र के प्रधान बने थे. सुखबीर बादल ने पार्टी को 2007 और 2012 में अकाली दल को प्रदेश की सत्ता में काबिज करवाया था.
पाक कोर्ट ने ख़ारिज की हाफिज सहित 67 नेताओं की याचिका
दर्दनाक हादसा: वैन-बस में भिड़त, 15 यात्रियों ने खोई अपनी जान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की टॉक्सिकोलॉजी टेस्ट करा सकते हैं लंदन के डॉक्टर