सुकमा: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भक्तों को 500 वर्षों का इंतजार करना पड़ा था, उसी तरह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के डर से 21 साल तक बंद रहे राम मंदिर के कपाट CRPF जवानों ने खोल दिए हैं। यह घटना न केवल ग्रामीणों के लिए खुशी का अवसर है, बल्कि यह नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विकास और लोगों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
लखापाल और केरलापेंदा गांव के इस मंदिर में 1970 में राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। 2003 में नक्सलियों ने मंदिर में पूजा-पाठ बंद करवा दिया था। उस समय नक्सलवाद अपने चरम पर था और ग्रामीणों को डर था कि यदि उन्होंने मंदिर में पूजा-पाठ जारी रखा तो उन्हें नक्सलियों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 2023 में CRPF की 74वीं वाहिनी ने लखापाल और केरलापेंदा गांव में अपना कैंप स्थापित किया। जवानों ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने जवानों को मंदिर के बारे में बताया और उन्हें बताया कि कैसे नक्सलियों ने मंदिर को बंद कर दिया था।
जवानों ने मंदिर के कपाट खोलने का फैसला किया। उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर मंदिर की साफ-सफाई की और पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। यह घटना नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विकास और लोगों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि CRPF न केवल सुरक्षा प्रदान करने के लिए, बल्कि लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी काम कर रही है।
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