नई दिल्लीः भारत के उभरते टेनिस स्टार और यूएस ओपन में दुनिया के टॉप खिलाड़ी रोजर फेडरर को कड़ी चुनौती देने वाले सुमित नागल ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। नागल ने कहा कि अब उन्हें वित्तीय तौर पर समर्थन की आवश्यकता है मगर लोग उन से दूर भाग रहे हैं। नागल ने यूएस ओपन के बाद चैलेंजर सर्किट के दो टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई. रविवार को ब्यूनस आयर्स चैलेंजर को जीतने वाले 22 साल के इस खिलाड़ी ने एटीपी रैंकिंग में 26 स्थानों का सुधार किया और 135वें पायदान पर पहुंच गए।
वह रैंकिंग में प्रजनेश गुणेश्वरन (84) के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी हैं। आर्थिक तंगी के कारण अर्जेंटीना में खेले गये चैलेंजर टूर्नामेंट में उनके साथ ना तो कोच थे और ना ही फिजियो. नागल ने ब्यूनस आयर्स से एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, ‘मैं यहां अकेले था. मेरी मदद के लिए कोई भी यहां मौजूद नहीं था. एक तरफ यह अच्छा है कि मैं बेहतर टेनिस खेल रहा हूं लेकिन यह आसान नहीं है और मैं बहुत निराश हूं. यूएस ओपन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी मैं अकेले हूं।
22 साल की उम्र में मैंने मुख्य ड्रा में जगह बनाई और फेडरर को एक सेट में हराया लेकिन इसका कुछ असर नहीं हुआ. यह काफी निराशाजनक है कि टेनिस में निवेश करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। सुमित ने कुछ वक्त लिए सरकार की टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) में जगह बनाई. इस योजना में खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्हें हालांकि बाद में इससे बाहर कर दिया गया. इस योजना में ओलिंपिक में पदक की संभावना वाले खिलाड़ियों को 50,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
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