नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार प्रदूषण की समस्या को लेकर कितनी ‘गंभीर’ है, इसका खुलासा एक RTI के जवाब से हुआ है। द संडे गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल सरकार ने विगत चार वर्षों में पर्यावरण के नाम पर 883 करोड़ रुपए जुटाए हैं। किन्तु, प्रदूषण रोकने पर इस राशि का महज 1.6 फीसदी ही खर्च किया गया है। यानी 883 करोड़ रुपए में से सिर्फ 141,280,000 रुपए प्रदूषण रोकने के लिए खर्च किए गए हैं।
यह हैरतअंगेज़ खुलासा दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने खुद संडे गार्जियन द्वारा दाखिल की गई RTI के जवाब में किया है। विभाग द्वारा उपलब्ध करई गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने वर्ष 2017 में पर्यावरण कर के नाम पर 503 करोड़ रुपए, साल 2018 में 228 करोड़ रुपए और साल 2019 में 110 करोड़ रुपए जुटाए थे। इसके साथ ही सरकार पर्यावरण उपकर के नाम पर साल 2020 में सितंबर तक 4 करोड़ रुपए जुटा चुकी है।
रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली सरकार, पर्यावरण कर को क्षतिपूर्ति शुल्क के रूप में वसूलती है। इसका एक बड़ा हिस्सा उन ट्रकों से वसूला जाता है, जो आए दिन दिल्ली में घुसते हैं और जिनकी वजह से प्रदूषण फैलता है। इस सूचना में आगे कहा गया है कि दिल्ली सरकार पर्यावरण उपकर का महज बहुत छोटा हिस्सा सालों से प्रदूषण रोकने के लिए खर्च कर रही है।
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