नई दिल्ली: देश के तीन प्रदेशों में विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान से पहले एक बार फिर बैलेट पेपर (मतपत्र) से मतदान कराने की मांग उठने लगी है. हालांकि हर बार तरह निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों की इस मांग को ख़ारिज कर दिया है. गुरुवार को देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा ने कहा है कि बैलेट पेपर अब इतिहास की बात हो चुकी है.
अरोड़ा ने प्रेस वालों से बात करते हुए कहा कि मतपत्र अब से अब चुनाव कराना संभव नहीं है, वो इतिहास बन चुका है. हालांकि शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक VVPAT का इस्तेमाल किया जाएगा. सीईसी आगे कहा कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (EVM) किसी भी दूसरी मशीन की तरह खराब हो सकती है, किन्तु उसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती.
इस पर कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा है कि, ''मुझे नहीं लगता कि बैलट पेपर से मतदान इतिहास बन गया है. आज भी निकाय चुनाव बैलेट पेपर द्वारा ही होते हैं. जिन मुल्कों में बैलट पेपर इतिहास बन गया था, वहां दोबारा शुरू हो गया है. EVM पर सवालिया निशान जरूरत से अधिक हैं. यदि ऐसा ही चलता रहा तो इंसाफ मिलना बेहद मुश्किल हो जाएगा.''
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