राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने बयान देते हुए कहा है कि मुख्य कोच इगोर स्टिमक से मध्यांतर में मिली फटकार आंखें खोलने वाली थी जिसकी इंडियाको इंटरकॉन्टिनेंटल कप का खिताब जीतने की आवश्यकता थी। इंडिया पहले हाफ में लेबनान के डिफेंस को भेदने में नाकाम रहा था लेकिन दूसरे हाफ में सुनील छेत्री के 87वें इंटरनेशनल गोल के अलावा लालियानजुआला छांगटे के गोल की सहायता से रविवार रात फाइनल में लेबनान को 2-0 से हराकर इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीतने में कामयाब हो गया।
छेत्री ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि, ‘‘मध्यांतर के समय बॉस ने फटकार भी लगा दी है। हम पिछले मैच के अपने प्रदर्शन के आसपास भी नहीं थे। यह आंखें खोलने वाला था जिसकी हमें आवश्यकता थी।'' उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि, ‘‘काफी कुछ कहा गया जिनमें से कुछ को मैं यहां दोहरा नहीं सकता। लेकिन अहम बात यह है कि हमें पता था कि हमारे पास क्षमता है और अंत में हमें कोई पछतावा नहीं है। बेशक 2-0 से जीत दर्ज करने केर उपरांत अब यह कहना आसान है लेकिन हम जीत से खुश हैं।'' छेत्री टूर्नामेंट में भारत के प्रदर्शन से प्रभावित हैं।
इतना ही नहीं सुनील ने ये भी बोला है कि ‘‘हम इंटरकॉन्टिनेंटल कप को पिछली बार जीत नहीं सके थे लेकिन यह जीत अच्छी थी। यह आसान नहीं था, लेकिन हम बहुत खुश हैं, खासकर टूर्नामेंट में हमारे विरुद्ध कोई गोल नहीं होने के कारण।'' मुख्य कोच स्टिमक ने स्वीकार किया कि वह लेबनान के विरुद्ध शुरुआती 45 मिनट में अपनी टीम के प्रदर्शन से खुश नहीं थे। उन्होंने ये भी कहा था कि, ‘‘हर मैच महत्वपूर्ण है, हर जीत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से जब आपके विरुद्ध कोई गोल नहीं हो इसलिए मैं बहुत खुश हूं। लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि मैं मध्यांतर के समय बिल्कुल भी खुश नहीं था। हमने पहले 10 मिनट में अच्छा खेला और फिर हम पिछड़ गए।''
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