इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान यूनाइटेड नेशंस में कश्मीर मुद्दे पर समर्थन जुटाने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने कई वैश्विक मंचों पर जाकर कश्मीर राग अलापा, किन्तु किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया। दुनियाभर में मुंह की खाने के बाद अब इमरान के लिए अपने देश में भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल, सुन्नी कट्टरपंथी दल जमियत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने 27 अक्तूबर से सरकार के खिलाफ इस्लामाबाद में आजादी मार्च शुरू करने का ऐलान किया है।
फजलुर रहमान ने पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट के लिए इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि हमारी जंग सरकार को उखाड़ फेंकने तक जारी रहेगी। रहमान ने पाक मीडिया से कहा कि, 'वर्तमान सरकार, नकली चुनाव का नतीजा है। सभी विपक्षी पार्टियों ने 25 जुलाई को हुए चुनावों को ख़ारिज कर दिया है और नए सिरे से चुनाव की मांग की है। सरकार की विफलता के कारण देश आर्थिक संकट में है। इसके खिलाफ हम डी-चौक पर जमा होंगे। हम आसानी से बिखरने वालों में से नहीं हैं। इमरान सरकार को उखाड़ फेंकने तक आंदोलन जारी रहेगा।'
रहमान के मुताबिक, पाकिस्तान में कारोबार चौपट हो गया है। ऊंची टैक्स दरों के कारण व्यापारियों ने अपना काम बंद कर दिया है। पाक के धार्मिक हालात को लेकर भी मुसलमानों में आक्रोश है। JUI-F के मार्च में विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PLM-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) भी हिस्सा लेंगे। इस्लामाबाद के डी चौक पर देशभर के नेता सरकार के खिलाफ इकठ्ठा होंगे।
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