वाशिंगटन: हर दिन तेजी पकड़ता जा रहा कोरोना वायरस का प्रकोप आज पूरी दुनिया पर काले साये की तरह मंडरा रहा है. जंहा अब तक इस वायरस ने 30000 से अधिक लोगों को अपना शिकार बना लिया है. और वहीं अब भी लाखों की संख्या में लोग इस बीमारी से संक्रमित पाए गए है. जंहा यह बीमारी थमने का नाम ही नहीं ले रही है. और एकाएक दुनिया को अपना भोजन बनाते जा रही है, महाशक्ति अमेरिका में महामारी कोविड-19(COVID-19) के सबसे अधिक मरीज पाए जा रहे हैं, इनकी संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है. अमेरिका में इतने अधिक मरीज पाए जाने पर अब कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं.
मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका शीर्ष पर है, इसके बाद इटली और फिर चीन का नंबर आ रहा है. चीन का तीसरे नंबर पर होना भी अपने आप में चौंकाने वाला है. चीन के दो प्रांतों से इस बीमारी की शुरूआत हुई उसके बाद भी वो तीसरे नंबर पर है जो किसी के गले नहीं उतर रहा है. इस संक्रामक बीमारी के बारे में जब से दुनिया के देशों को पता चला है उसी के बाद से ये सवाल उठ रहा है कि चीन ने अपने यहां इस वायरस से बीमार और मरने वालों के आंकड़े छिपाए हैं. मगर सच्चाई अब तक सामने नहीं आ सकी है.
स्पेन और जर्मनी भी घिरते जा रहे: वहीं इस बात का पता चला है कि यूरोप में स्पेन और जर्मनी भी इसमें घिरते जा रहे हैं. स्पेन में पीड़ितों की संख्या 65 हजार और जर्मनी में 53 हजार को पार कर गई है. स्पेन में 5,690 लोगों की जान गई है जबकि जर्मनी में 395, स्पेन के लिए बीते 24 घंटे सबसे ज्यादा घातक साबित हुए. यहां 832 लोगों की जान गई है जो एक दिन में अब तक स्पेन के लिए सबसे ज्यादा है.स्वास्थ्य सेवाओं और टेस्ट की सेवा को सुदृढ़ कर जर्मनी मौत की संख्या को एक हद तक रोकने में कामयाब हुआ है. इस समय जर्मनी ने हर हफ्ते पांच लाख लोगों का टेस्ट करने की क्षमता हासिल कर ली है. जर्मनी में पूरी तरह तालाबंदी नहीं है लेकिन जरूरी सेवाओं को छोड़ बाकी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. सरकार का कहना है कि फिलहाल जो हालात है उन्हें देख कर नहीं लगता कि 20 अप्रैल से पहले पाबंदियों को हटाया जा सकेगा.
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