सुपरस्टार गोविंदा की बेटी ने छोड़ी इंडस्ट्री, फ्लॉप करियर पर छलका दर्द

सुपरस्टार गोविंदा की बेटी ने छोड़ी इंडस्ट्री, फ्लॉप करियर पर छलका दर्द
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गोविंदा, बॉलीवुड के एक बेहद लोकप्रिय अभिनेता, आज भी इंडस्ट्री के टॉप एक्टर्स में गिने जाते हैं। उनकी अदाकारी और मस्ती भरी शख्सियत ने उन्हें एक खास स्थान दिलाया है। उन्होंने अपनी करियर में कई सफल फिल्में दी हैं, जिनमें हीरो नंबर 1, दूल्हा राजा, और बड़े मियां छोटे मियां जैसी फिल्मों का नाम प्रमुख है। हालांकि, उनकी बेटी टीना आंजान, जो एक अभिनेत्री बनने की ख्वाहिश के साथ फिल्म इंडस्ट्री में आईं, अपनी पहचान नहीं बना सकीं।

टीना ने 2015 में सेकंड हैंड हसबंड फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था, लेकिन इस फिल्म की असफलता के बाद टीना का करियर बहुत आगे नहीं बढ़ सका। फिल्मी दुनिया में उनकी पहचान नहीं बन पाई, और इसके बाद उन्होंने एक्टिंग से दूरी बना ली। लेकिन हाल ही में, एक इंटरव्यू के दौरान टीना ने बॉलीवुड छोड़ने के अपने फैसले पर खुलकर बात की और इस सफर से जुड़े कई पहलुओं को साझा किया।

टीना ने इस दौरान नेपोटिज्म के बारे में भी अपनी बात रखी, जिसे लेकर बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई सालों से चर्चाएं होती रही हैं। उन्होंने बताया कि शुरू-शुरू में लोग अक्सर उनसे यह सवाल करते थे कि "तुम्हारे घर में ही इंस्टीट्यूशन है, तो तुम बाहर क्यों स्ट्रगल कर रही हो?" इस सवाल को सुनकर टीना कहती हैं कि वह काफी समय तक इसे इग्नोर करती रहीं, लेकिन कुछ समय बाद यह बहुत इरिटेटिंग और फ्रस्ट्रेटिंग हो गया। टीना ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैंने बहुत जल्दी मूव ऑन कर लिया था। जब लोग मुझे बार-बार वही सवाल पूछते थे, तो यह एक समय के बाद मुझे बहुत परेशान करने लगा था। मैं एक ही सवाल का बार-बार जवाब क्यों देती रहूं? भगवान की कृपा से मुझे घर चलाने की जरूरत नहीं है।"

टीना ने यह भी बताया कि गोविंदा की बेटी होने के कारण कई लोग उन्हें मिसजज करते थे। उन्हें लगता था कि वह एक स्टारकिड हैं और इसलिए उन्हें लुक टेस्ट और ऑडिशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके कारण उन्हें यह एहसास हुआ कि लोग उनके बारे में गलत धारणाएं बनाते हैं, जो कि उनके लिए असहज थी। यही कारण था कि उन्होंने एक्टिंग से खुद को दूर कर लिया।

हालांकि, टीना ने बताया कि उन्होंने कभी भी अपने परिवार की मदद का सहारा नहीं लिया, और खुद की पहचान बनाने की कोशिश की। वह कहती हैं, "मुझे यह एहसास हुआ कि मैं अपने पिता गोविंदा के साथ काम करना शुरू कर सकती हूं, और वह काम कर सकती हूं, जो मुझे सच में पसंद है। अगर चीजें होनी हैं, तो वह हो जाएंगी। भगवान की कृपा से मुझे घर चलाने की जरूरत नहीं है, और अब मुझे यह भी समझ में आया कि मुझे अपनी जिंदगी में क्या चाहिए।"

टीना ने यह भी साझा किया कि अपने पिता के साथ काम करते हुए वह उनके करीब आ गई हैं। उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह एक बेहतरीन अनुभव था। मुझे एहसास हुआ कि मुझे अपने जीवन में स्थिरता और शांति की आवश्यकता थी, और यही सब मुझे अपने पिता के साथ काम करने से मिला।" उन्होंने यह भी माना कि यह एक नया दिशा देने वाला कदम था, जिसने उन्हें न केवल अपने पिता के करीब लाया बल्कि उन्हें मानसिक शांति भी दी।

टीना ने अपने फैसले को सही ठहराया और बताया कि प्लान बी अपनाकर उन्होंने एक अच्छा लाइफस्टाइल जीना शुरू किया। वह अब अपने पिता के साथ काम कर रही हैं और उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि इस नए रास्ते ने उन्हें नई उम्मीद और दिशा दी है। टीना का मानना है कि जीवन में कभी-कभी आपको अपनी राह बदलनी पड़ती है, और अगर आप सही दिशा में काम करते हैं, तो आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

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