रिटायरमेंट के पूर्व आठ बड़े मुद्दों पर अपना फैसला सुनाएंगे सीजेआई दीपक मिश्रा

रिटायरमेंट के पूर्व आठ बड़े मुद्दों पर अपना फैसला सुनाएंगे सीजेआई दीपक मिश्रा
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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा अपने न्यायायिक कार्यकाल को पूरा करने जा रहे है, उनके पास अब महज एक सप्ताह और कुछ दिन ही शेष बचे हैं। न्यायायलीन कार्यकाल में सबसे अ​धिक समय तक अपना कार्य देखने वाले और सेवाएं देने के साथ साथ सबसे अधिक चर्चा में रहने वाले दीपक मिश्रा एकमात्र ऐसे न्यायाधीश रहे हैं। यदि हम बीते दो दशकों की बात करें तो मिश्रा के अलावा कोई दूसरा न्यायाधीश नहीं रहा जिसने अभी तक सबसे ज्यादा खंडपीठों के साथ ​मिलकर भारत के सभी तरह के राजनैतिक आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर अपना फैसला दिया हो।

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यहां बता दें किे हाल ही में देश की कानूनी धारा में जो बदलाव हुआ है और भारतीय कानून की धारा 377 को संविधान से अलग किया गया है उस पर फैसला भी दीपक मिश्रा और उनकी पांच सदस्यीय बेंच ने ​ही दिया है। दीपक मिश्रा के रिटायर होने के पहले उनका कार्यकाल म​हज नौ दिनों का ही शेष रह गया है, और उनमें से भी छ: दिन ही कार्य होगा। यहां बता दें कि मिश्रा और उनकी संवैधानिक पीठ को आठ अहम मामलों की सुनवाई करनी है।

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इन आठ मामलों में आधार से लेकर अयोध्या तक के मामलों पर सुनवाई की जानी है, दीपक मिश्रा की बेंच में करीब दस सुप्रीम कोर्ट के जज शामिल हैं। मुख्य रूप से आधार मामले में कई याचिकाएं लगाई गई हैं जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, वहीं मोदी सरकार के अनुसार आधार की अनिवार्यता करने और उसे तमाम योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज की मंजूरी दे दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल बैंक खाता खोलने और मोबाईल को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता पर रोक लगा दी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आधार पर आने वाले फैसले से ही यह निर्णय होगा कि सामाजिक और आर्थिक योजनाओं का संचालन कैसे होता है, साथ ही अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ही निर्णय लेकर बतायेगा कि मामले में आगे क्या होगा?

वहीं मोदी सरकार का एक राष्ट्र एक पहचान का स्लोगन करो या मरो की स्थिति बनाए हुए है, और इस पर ही दीपक मिश्रा अपना सबसे अहम फैसला सुनाने वाले हैं अब देखना होगा कि आधार पर आने वाला फैसला इस देश के गरीबों को आर्थिक और सामाजिक रूप से कितना प्रभावित करता है। इसके अलावा एक और अहम मामले में फैसला आना है जिसमें सबरीमाला मंदिर को लेकर सुनवाई चल रही है, इस मंदिर की मान्यता के अनुसार मंदिर में 10 से 50 साल तक की महिलाओं का मंदिर के अंदर प्रवेश वर्जित किेया गया है। क्योंकि इस दौरान महिलाएं माहवारी से गुजरती हैं और उन्हें किसी भी शुभ कार्य या पूजन में शामिल नहीं किया जाता है। इसके अलावा दूसरा अहम फैसला सरकारी कर्मचारीयों में जाति धर्म के नाम पर आरक्षण और प्रमोशन पाना है। इन सभी अहम फैसलों के साथ ही न्यायाधीश दीपक मिश्रा अपने कार्यकाल को पूरा कर लेंगें अब देखना यह है कि न्यायाधीश कितने मामलों पर अपना फैसला देंगें और कितने मामले शेष रह जाएंगे।

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