नईदिल्ली। गरीबों के लिए शेल्टर उपलब्ध करवाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से सवाल किए। इस मामले में हरियाणा सरकार को भी कठघरे में रखा गया। न्यायालय ने कहा कि वर्ष 2014 में अक्टूबर में हलफनामा दायर किया गया था। जिसके अनुसार हरियाणा में 6107 शेल्टर उपलब्ध करवाए गए थे। आपने अभी जो हलफनामा दायर किया उसमें अभी 6107 शेल्टर हैं, सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार से कुछ मसलों पर सवाल किए।
जिसमें कहा गया कि सरकार के हलफनामा दायर करने से कुछ नहीं होगा। सरकार शेल्टर निर्माण में कितना समय लगाएगी। न्यायालय का कहना था कि लोग अपनी इच्छा से गरीब हैं, सरकार को उनकी सहायता करना चाहिए। आखिर लोग भोजन किस तरह से कर रहे हैं, क्या शेल्टर में उपलब्ध सुविधाऐं काफी हैं। गरीबों के लिए आवासीय सुविधाऐं हैं, सर्दियों के मौसम के लिए गरीबों के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाऐं हैं या नहीं।
इस तरह के सवाल न्यायालय ने किए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि नाइट शेल्टरों को लेकर योजना खत्म क्यों नहीं कर दी जाती है। सरकार अपना पैसा नाले में क्यों बहा रही है, 1000 करोड़ रुपये किसी और काम में खर्च करें,इस पर गंभीरता से विचार करें, ये टैक्सपेयर के पैसे का दुरुपयोग है। सवाल किया गया है कि 1.74 लाख लोग कैसे गुजारा करते हैं। शेल्टर होम के निर्माण के लिए कितनी लागत का उपयोग हो रहा है।