नईदिल्ली। गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई, याचिका को खारिज कर दिया गया है। दरअसल आईपीएस अस्थाना को सीबीआई का विशेष निदेशक नियुक्त किया गया था। केंद्र सरकार की ओर से दावा किया गया कि, अस्थाना सीबीआई में अवर निदेशक थे और लगभग 11 जोन्स का कार्य संभाल रहे थे।
अस्थाना ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद, रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में इतिहास पढ़ाना शुरू किया। 1984 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईपीएस अधिकारी बन गए, उनको गुजरात कैडर मिला। अस्थाना को मूल रूप से लालू से पूछताछ के लिए ही जाना जाता है। 1997 को उन्होंने चारा घोटाले में लालू से 6 घंटे तक पूछताछ की थी।
अस्थाना ने ही धनबाद में डीजीएमएस के महानिदेशक को घूस लेते पकड़ा था। इस मामले में न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की पीठ ने याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि, न्यायालय ने इस मामले में 24 नवंबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
इस मामले में गैर सरकारी संगठन काॅमन काॅज ने अस्थाना की नियुक्ति का विरोध किया था। स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के कार्यालय व अन्य परिसरों पर छापामार कार्रवाई की गई। उसके पास से एक डायरी बरामद हुई। केंद्र सरकार ने अस्थाना का सपोर्ट करते हुए उन्हें एक अच्छा अधिकारी बताया है।
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