नई दिल्ली: देश की शीर्ष अदालत ने दिल्ली के रिहायशी इलाकों में अवैध तरीके से चल रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर सख्त रुख अपनाया है, शीर्ष अदालत ने कहा है कि इनके मालिकों ने अग़र अनुमति पत्र या लाइसेंस नहीं जमा कराए तो उनके प्रतिष्ठानों को 48 घंटे के भीतर प्रशासन द्वारा सील कर दिया जाएगा. इससे पहले जस्टिस मदन बी. लोकुर, एएम खानविलकर और आर. सुभाष रेड्डी की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सीलिंग से पहले इनके मालिकों को एडवांस नोटिस भेजने के मामले में केंद्र ने पूर्ण सहयोग नहीं दिया है.
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गुरुवार को सीनियर एडवोकेट और न्याय मित्र रंजीत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि दिल्ली के रिहायशी इलाकों में बड़ी संख्या में व्यवसायिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं, इन्हें चलाने वालों से लाइसेंस या अनुमति पत्र की मांग की जानी चाहिए, इसी मांग पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ये आदेश जारी किया था.
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पीठ ने कहा कि रिहायशी इलाकों में चल रही दुकान और उससे संबंधित अनुमति पत्र या लाइसेंस जमा नहीं कराने पर अवैध तरीके से चल रहे प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर सील कर दिया जाएगा, पीठ के समक्ष दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में एसडीएमसी और भूमि व विकास कार्यालय की ओर से कराए गए मकानों के संयुक्त सर्वे का मुद्दा भी उठा था, जिसमे बताया गया था कि 2345 मकानों का सर्वे कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट दिवाली के दो सप्ताह बाद तक तैयार हो जाएगी.
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