नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य सरकार को एक बड़ी सफलता मिली है दरअसल सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उत्तरप्रदेश राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली समाजवादी पेंशन योजना की सराहना की गई है। इस मामले में न्यायालय ने कहा है कि यह एक अच्छी योजना है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि इसमें 25 प्रतिशत आरक्षण अल्पसंख्यकों को दिया गया है। यह असंवैधानिक बात है।
समाजवादी पेंशन योजना के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी इसे एससी ने खारिज कर दिया। यह कहा गया है कि अल्पसंख्यकों को दिया गया आरक्षण गलत नहीं है यह असंवैधानिक श्रेणी में नहीं आता और सरकार ने इस योजना में सुविधा देने के दौरान धर्म आधारित राजनीति नहीं की है। गौरतलब है कि एससी में हिंदू फ्रंट फाॅर जस्टिस द्वारा याचिका दायर की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 7 जज की संविधान पीठ ने इस मामले में आदेश जारी किया और कहा कि इस योजना के तहत जो आरक्षण दिया गया है वह 50 प्रतिशत होना चाहिए।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जो पेंशन प्रावधान किया उसके तहत 25 प्रतिशत आरक्षण अल्पसंख्यकों के लिए 45 प्रतिशत समान्य वर्ग के लिए और 30 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्ग के लिए साथ ही अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित किया गया। इस योजना के अंतर्गत 500 रूपए की पेंशन बीपीएल व्यक्ति को दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस निर्णय से समाजवादी पार्टी को 4 थे चरण का चुनाव प्रचार करने में सुविधा हो सकती है और समाजवादी पार्टी विभिन्न वर्गों की सहानुभूति प्राप्त कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामला सौपा संविधान पीठ को
चीन में कर्जा न चुकाने वालों पर लगेंगे कड़े प्रतिबंध
सपा नेता ने PM मोदी और BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बताया आतंकी
''यूपी की गोद में जबरन बैठे पीएम मोदी''- आजम खान