नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत ने केंद्र से भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर स्टेटस रिपोर्ट 6 हफ्ते में दायर करने के लिए कहा है। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि ब्रिटेन में कुछ कानूनी कार्यवाही अभी भी लंबित है, जिससे विजय के प्रत्यर्पण में देरी हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद मामले को जनवरी के तीसरे हफ्ते तक के लिए स्थगित कर दिया है। जस्टिस ललित ने 31 अगस्त के आदेश में विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा कि माल्या मामले में कुछ कानूनी कार्यवाही ब्रिटेन में लंबित है। इसपर माल्या के वकील से जवाब देने के लिए कहा गया। ईसी अग्रवाल द्वारा एक IA दाखिल किया गया है, माल्या के वकील इस मामले से मुक्त होना चाहते हैं। जस्टिस ललित ने आगे कहा कि उनकी अर्जी ठुकरा दी गई है और अग्रवाल ही आरोपी के लिए वकील बने रहेंगे।
जस्टिस ललित ने मेहता से कहा कि, "माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया कब तक पूरी होगी? इसकी कोई समय सीमा है?" मेहता ने जवाब दिया कि लंदन में भारतीय हाई कमीशन से इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। छह अक्टूबर को, गृह मंत्रालय ने शीर्ष अदालत को बताया कि ब्रिटेन के गृह कार्यालय ने सूचित किया है कि इस मामले में एक कानूनी मसला है, जिसे विजय माल्या के प्रत्यर्पण से पहले हल करने की आवश्यकता है।
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