नई दिल्ली: आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से कराने की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया गया है. न्यायभूमि नाम के एनजीओ ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि ईवीएम का दुरुपयोग कर चुनाव को किसी एक दल के पक्ष में किया जा सकता है, इसलिए आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बैलेट पेपेर का इस्तेमाल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ की दलील को अस्वीकार करते हुए याचिका रद्द कर दी है .
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मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनजीओ न्यायभूमि की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के दुरूपयोग की संभावना और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उनका उपयोग नहीं किया जाने की दलील को स्वीकार नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एनजीओ की जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दुरूपयोग किसी भी मशीन का हो सकता है. दुरुपयोग की आशंकाएं तो हर प्रणाली में बनी ही रहती हैं, इस दलील पर बैलट पेपर से चुनाव नहीं कराए जा सकते.
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आपको बता दें कि बीते कुछ समय से देश के कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और कई बड़े दल समय-समय पर ईवीएम ने होने वाली छेड़छाड़ के चलते चुनाव पर रोक लगाने और बैलेट पेपर को फिर से उपयोग में लाने की मांग करते रहे हैं. कई पार्टियों ने भी ईवीएम से चुनाव न कराने के लिए अदालत में याचिकाएं डाली थी.
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