नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत आज मंगलवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) के निदेशक आलोक कुमार वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित करते हुए उनको छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ वर्मा की ओर से दायर की गई याचिका पर फैसला सुना दिया है. एससी ने आलोक वर्मा को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि केंद्र को सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर नहीं भेजना चाहिए था.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है, हालांकि अदालत ने ये भी कहा है कि अलोक वर्मा की सीबीआई में वापसी जरूर होगी, किन्तु वे नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के छुट्टी पर होने के कारण आज ये फैसला जस्टिस संजय किशन कौल ने सुनाया है.
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उल्लेखनीय है कि सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच मचे घमासान के सार्वजनिक होने के बाद केंद्र सरकार ने जाँच एजेंसी की गरिमा को बरकरार रखने के लिए दोनों अधिकारियों को उनके अधिकारों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने का फैसला लिया था. दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे. इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की बेंच ने गत वर्ष छह दिसंबर को आलोक वर्मा की याचिका पर वर्मा, केंद्र, सीवीसी और अन्य की दलील सुनते हुए फैसला सुरक्षित रखा लिया था, जिसे आज सुनाया गया है.
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