नई दिल्ली: विदेशो से भारत में आने वाले खतरनाक कचरे के निपटान पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाईं है। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र से कहा हे कि आप जिस कचरे से पैसा बना रहे हे उसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है।
कोर्ट ने कहा कि जनता की सेहत को दरकिनार कर पैसा कमाने की यह नीति जायज नहीं ठहराई जा सकती है । एक याचिका पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की पीठ ने इसे "गंभीर" करार दिया पीठ ने कहा कि लोगो पर इसके दुष्प्रभावो को देखते हुवे सम्भदित एजेंसिया नियमो को नजरअंदाज नहीं कर सकती।
मामले की सुनवाई 31 मार्च को होगी
चार सदस्यीय पीठ में सीजेआई खेहर के अलावा जस्टिस एनवी रामन्ना जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ और एसके कौल भी शामिल है मामले की सुनवाई अब 31 मार्च को होगी।
यह है कचरा...
पुराने कंप्यूटर मोबाइल और जहाज 80 फीसदी ई कचरा भारत और चीन में डंप। एक अनुमान के मुताबिक़ विकसित देशो का करीब 80 फीसदी इलेक्ट्रानिक यानी ई - कचरा भारत चीन समेत एशिया के कई देशो में डंप किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया वक्त...
कोर्ट ने इस मामले में केंद्र को जवाब देने के लिए और ज्यादा समय देने से भी इनकार कर दिया
रिपोर्ट में दावा...
वायु प्रदुषण से भारत में हर मिनट दो लोगो की मौत हो जाती हे। मेडिकल जर्नल द लेसेट की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसमें बताया गया हे कि हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग वायु प्रदुषण की वजह से मारे जाते है। इसमें कहा गया हे कि दुनिया की सबसे प्रदूषित जगह भारत में ही हे यह आंकड़े 2010 में सर्वेक्षण के आधार पर जारी किये है।
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