नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल में दाखिले के लिए देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट (NEET) के CBSE फाॅर्मूले पर सवाल उठाया कोर्ट का कहना है कि सभी नीट परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र एक समान तैयार किया जाना चाहिए. चाहे प्रश्न पत्र किसी भी भाषा का हो. क्वेश्चन एक जैसे होने चाहिए.
कोर्ट भाषा के आधार पर प्रश्नों में बदलाव के फाॅर्मूले पर सहमत नहीं है. इतना ही नहीं कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी कहा है कि, वह हलफनामा दायर कर बताए कि अगली बार से नीट की परीक्षा में सभी भाषाओं में एक जैसा प्रश्न पत्र होगा. कोर्ट का कहना है कि अलग भाषा के अलग प्रश्न पत्र होने के कारण रेंकिंग पर असर पड़ता है.
बता दे इस बार नीट परीक्षा अंग्रेजी-हिन्दी के साथ आठ अलग भाषाओं में होगी, वही परीक्षा के बाद छात्रों ने इस बात पर विरोध जताया था कि कई भाषाओं के प्रश्नपत्र अपेक्षाकृत कठिन थे. बता दें कि 2017 की नीट परीक्षा में 9 लाख छात्रों ने इंग्लिश में नीट की परीक्षा दी थी, वहीं 1.5 लाख ने हिंदी और दूसरी भाषाओं में परीक्षा दी थी.
जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.
इंजिनीयर्स के निकली सरकारी नौकरी
इन बातो को ध्यान में रखकर करे अपने भविष्य का चयन
प्रतियोगी परीक्षा में आ सकते है हिंदी के यह प्रश्न