नई दिल्ली: दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत के आदेशानुसार अब आरोप तय होने के बाद भी दागी नेता, विधायक या सांसद चुनाव लड़ सकेंगे. इससे पहले उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई थी कि जिन भी नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप तय हो चुके हो, उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए.
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मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा कि अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि किसी भी राजनेता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने और अपराध साबित होने के बाद भी उसे अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है, इसलिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने के लिए कानून नहीं बनाया जा सकता. हालांकि अदालत ने ये भी कहा कि राजनीति में अपराधीकरण ख़त्म करना जरुरी है, लेकिन इस सम्बन्ध में पार्लियामेंट को ही कानून बनाना होगा साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग राजनीति में प्रवेश न करें.
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अदालत ने कहा कि इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग द्वारा पार्टियों को ये निर्देश दिए जा सकते हैं कि गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार उनकी पार्टी से चुनाव न लड़ें, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने से रोका नहीं जा सकता. हालांकि अदालत ने ये साफ किया कि हर उम्मीदवार, चुनाव आयोग और अपनी पार्टी को अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दे, ताकि उन्हें वेबसाइट पर शेयर किया जा सके और मतदाताओं को भी अपने उम्मीदवार की पृष्ठ्भूमि की जानकारी मिल सके.
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