पटना : बिहार के नियोजित शिक्षकों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सियासी लाभ उठाने का दौर जारी है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस खुलकर नियोजित शिक्षकों के समर्थन में उतर आई है. इनका कहना है कि हमारी सरकार आएगी, तो समान काम के लिए समान वेतन लागू करेंगे. वहीं, फैसले के बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेता डैमेज कंट्रोल में लगे हुए हैं.
तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को भले ही शीर्ष अदालत के फैसले से झटका लगा है, किन्तु चुनावी माहौल होने की वजह से राजनीतिक दलों की तरफ से सहानुभूति जातायी जा रही है. राजद नेताओं का कहना है कि बिहार सरकार की नीयत में शिक्षकों को लेकर खोट है. इसी कारण सरकार उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है. अगर हम सत्ता में आए, तो न्याय करेंगे.
वहीं सूबे की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने भी ट्वीट कर शिक्षकों का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी के पास शिक्षकों को 'समान काम के बदले समान वेतन' देने के लिए बजट नहीं है. नीतीश कुमार और पीएम मोदी को करारा जवाब दिया जाना चाहिये, जिसकी गूंज दिल्ली तक सुनाई दे. वहीं, कांग्रेस भी नियोजित शिक्षकों के समर्थन में खड़ी है.
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