नई दिल्ली: वेब सीरीज़ तांडव से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो डिजिटल कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए नियम तैयार करे. इसके साथ ही कोर्ट ने अमेजन प्राइम की अपर्णा पुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है.
अमेजन प्राइम की अपर्णा पुरोहित द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने इस मामले में टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि हमें सरकार की ओर से बनाई गई गाइडलाइन्स मिली हैं, इसमें किसी प्रकार की सज़ा का प्रावधान ही नहीं है. ना ही कंटेंट को कंट्रोल करने के लिए कोई तरीका है. सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि हम कंटेंट कंट्रोल करने के लिए एक मसौदा तैयार करेंगे. लेकिन इस समय किसी तरह की कोई सेंसरशिप या रेगुलेशन नहीं है. हम इस मामले में मसौदा तैयार कर सकते हैं.
कोर्ट में अपर्णा पुरोहित की तरफ से कहा गया कि हम जांच में सहयोग कर रहे हैं, हालांकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने हमारी दलील नहीं सुनी है. अब इस मसले पर शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी किया है. शीर्ष अदालत ने अपर्णा पुरोहित को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता द्वारा जांच में सहयोग किया जाए. अपर्णा पुरोहित की ओर से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि जिन सीन पर आपत्ति थी, उन्हें हटा दिया गया है. अमेजन, नेटफ्लिक्स पर पोर्न नहीं परोसा जाता है, बल्कि बेहतरीन फिल्में दिखाई जाती हैं जो विश्वभर में प्रचलित हैं.
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