अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील गोपाल शंकर नारायण और SG तुषार मेहता का पक्ष सुना। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में किसी भी स्टेज पर सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन कर सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा है कि लगातार निगरानी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसी घटनाएं ना हों। उच्च न्यायालय इस मामले में सुनवाई को जारी रखे। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट स्वतंत्र जांच, जांच और कार्यवाही में तेजी व उचित मुआवजे के पहलुओं पर ध्यान दे। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय उन मुद्दों पर ध्यान दे, जो याचिकाकर्ताओं की तरफ से उठाए गए हैं और उन पर निर्देश जारी करे।
बता दें कि, गुजरात उच्च न्यायालय ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है और सुनवाई जारी है। इसकेस साथ ही अदालत ने कुछ आदेश भी दिए हैं और 24 नवंबर को अगली सुनवाई होनी है। उच्च न्यायालय, इस मामले के विभिन्न पहलुओं पर हर हफ्ते निगरानी कर रहा है। याचिकाकर्ता के वकील ने हमसे कहा कि एक निर्धारित राशि मुआवजे के रूप में पीड़ित पक्ष को उपलब्ध कराई जाए। कुछ अन्य पहलू भी रखे और यह स्पष्ट किया कि स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि नगरपालिका की जिम्मेदारी और देखरेख करने वाली कंपनी को लेकर भी कार्यवाही होनी चाहिए।
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