नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महात्मा गांधी की हत्या के मामले को दोबारा खोलने का आदेश देने में न्यायालय की कोई रुचि नहीं है. क्योंकि हत्या में शामिल व्यक्ति की पहले ही पहचान हो चुकी है और उसे दोषी भी ठहराया जा चुका है. बेंच ने कहा, "अब बहुत देर हो चुकी है. हम इसकी जांच दोबारा नहीं कराएंगे."
दरअसल, पंकज फडणीस नामक एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दी थी, जिसमें इस मामले की दोबारा जांच की मांग की गई थी. हत्या की दोबारा जांच की मांग करने वाले मुंबई निवासी पंकज कुमुदचंद्र फडनीस ने अदालत को बताया कि उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं जिनसे यह पता चलता है कि गांधी जी की हत्या के पीछे बहुत बड़ी साजिश थी. शोधकर्ता और दक्षिणपंथी संगठन 'अभिनव भारत' के सदस्य फडनीस ने कहा कि उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित कांग्रेस के पुस्तकालय से ऐसे दस्तावेज जुटाए हैं जिन्हें भारत सरकार ने यहां प्रतिबंधित कर दिया था.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी ये दलीलें खारिज कर दी और कहा कि इस मामले में दोबारा जांच की कोई जरूरत नहीं है. इस मामले में अदालत का सहयोग करने के लिए नियुक्त न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र शरण ने कहा है कि महात्मा गाँधी की हत्या की साजिश करने वाला और उन पर गोलियां चलने वाला शख्स नाथूराम विनायक गोडसे कई साल पहले ही अपना जुर्म क़ुबूल कर चुका है, इसलिए अब दोबारा मामले की जांच करने का कोई औचित्य नहीं है.
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