नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के जीसीआरजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में 2017-18 सत्र के लिए एमबीबीएस कोर्स में लिए गए दाखिलों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ख़ारिज कर दिया गया हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि महाविद्यालय में इस सत्र 2017-18 में जिन विद्यार्थियों को एडमिशन दिया गया था, ऐसे छात्रों को अब 10-10 लाख रुपये महाविद्यालय के द्वारा वापिस किये जाएगे.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की रोक लगने के बावजूद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एडमिशन की इजाजत दी थी. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा उच्च न्यायलय का यह आदेश न्यायिक शिष्टाचार के खिलाफ अवांछित करार दिया गया. जीसीआरजी कॉलेज एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के निरीक्षण में विफल पाया गया था, एवं वह 32 विफल पाए गए महाविद्यालयों में भी सम्मिलित था.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने न्याय की शिष्टता के खिलाफ करार दिया था. साथ ही कहा था कि कोर्ट द्वारा इस मामले में अवांछित आदेश पारित किया गया हैं. और इस पर मेडिकल काउन्सिल ऑफ इंडिया ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनोती दी थी. इसके बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की अर्जी को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कोर्स में स्टूडेंट्स के दाखिलों को निरस्त कर दिया. एवं महाविद्यालय पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया गया.
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