नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने अपने वरिष्ठतम जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को प्रधान न्यायाधीश (CJI) के रूप में नौ नवंबर को शपथ ग्रहण करने से रोकने की मांग करने वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी और इस याचिका को गलत धारणा पर आधारित करार दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, वकील की दलील सुनने के बाद, हमें सुनवाई करने की कोई वजह नज़र नहीं आती, हमें पूरी याचिका गलत धारणा पर आधारित लगती है.
इससे पहले एक वकील ने जब गुरुवार को सुनवाई के लिए इस मामले का उल्लेख किया था, तो CJI उदय उमेश ललित के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा था कि वह याचिका पर बुधवार को ही सुनवाई करेगी. CJI ललित ने कहा कि, मेरे भाई (जस्टिस एस रवींद्र भट) और बहन (जस्टिस बेला एम त्रिवेदी) के लिए मामले से जुड़े डाक्यूमेंट्स लाए जाएं. हम आज दोपहर पौने एक बजे के लिए मामले को लिस्टेड करेंगे. नामित प्रधान जस्टिस चंद्रचूड़ को नौ नवंबर को भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करना है. यह याचिका मुरसलीन असिजीत शेख ने दाखिल की थी.
बता दें कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश में सबसे लंबे समय तक CJI रहे जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं. उनके पिता 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारतीय न्यायपालिका के शीर्ष पद पर आसीन रहे थे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर रिटायर होने वाले न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की जगह लेंगे. जस्टिस ललित CJI के पद से आठ नवंबर को रिटायर हो रहे हैं और पद पर उनका 74 दिनों का संक्षिप्त कार्यकाल रहा.
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