नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई को 28 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। केंद्र सरकार ने इस मामले की सुनवाई को दो हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने बैंकों से कहा कि इस दौरान किसी भी लोन का भुगतान नहीं होने पर खाते को Non Performing Asset (NPA) घोषित न किया जाए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 सितंबर को की जाएगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले को बार-बार टाला जा रहा है। अब इस मामले को आखिरी बार टाला जा रहा है वो भी अंतिम सुनवाई के लिए। इस दौरान सब अपना जवाब दायर करें और ठोस योजना के साथ कोर्ट आएं। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से मोरेटोरियम की डेडलाइन 31 अगस्त 2020 तय की गई थी।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह मोरेटोरियम की मियाद के दौरान ब्याज की वसूली न किए जाने और ग्राहक की क्रेडिट रेटिंग डाउनग्रेड न करने की मांग पर विचार करे। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ब्याज पर ब्याज लेने के मुद्दे पर 2-3 दौर की बैठकें हो चुकी हैं और इस पर जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक इसमें अहम भूमिका अदा करेंगे।
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