मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार (12 अक्टूबर) को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नवाब मलिक को उनकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर दी गई अंतरिम जमानत तीन महीने के लिए बढ़ा दी। शीर्ष अदालत ने 11 अगस्त को इसी आधार पर उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी के पैनल के अनुसार, जमानत आदेश योग्यता के आधार पर नहीं, बल्कि चिकित्सा कारणों पर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि, "वह गुर्दे की बीमारी और बीमारियों के कारण अस्पताल में हैं। मुख्य याचिका पर 5 सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए और उसके बाद 3 सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल किया जाए। 10 सप्ताह के बाद सूची दी जाए। जमानत दे दी गई है। हम चिकित्सा शर्तों पर सख्ती से आदेश पारित कर रहे हैं और योग्यता दर्ज नहीं की गई।''
बता दें कि, केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कुछ संपत्तियों के लिए बाजार मूल्य से कम भुगतान करने के संदेह में मलिक को गिरफ्तार किया था। मई 2022 में एक विशेष PMLA कोर्ट द्वारा आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद मलिक ने साधारण जमानत के लिए याचिका दायर की थी। 30 नवंबर, 2022 को मुंबई की विशेष अदालत द्वारा मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद मलिक ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
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