लखनऊ: जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खां को बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने आजम खान की जमानत को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की शर्त पर रोक लगा दी है। रामपुर के जिलाधिकारी को जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित जमीन कब्जे में लेने का निर्देश दिया है। आजम खां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
आजम खान ने जमानत देते वक़्त इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्त को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने आजम की याचिका पर यह भी कहा कि प्रथमदृष्टया इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शर्त असंगत और सिविल कोर्ट के किसी फरमान की तरह लगती है। उच्च न्यायालय ने 10 मई को आजम खान को अंतरिम जमानत देते हुए रामपुर के डीएम को 30 जून, 2022 तक जौहर यूनिवर्सिटी के परिसर से संबंधित शत्रु संपत्ति को कब्जे में लेने और उसके चारों तरफ कंटीले तारों से चारदीवारी बनाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उक्त कवायद पूरी होने पर आजम खान की अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में तब्दील कर दिया जाएगा।
इससे पहले आजम खाने ने याचिका दाखिल करते हुए दावा किया था कि यह शर्त उनके जौहर यूनिवर्सिटी के एक हिस्से को ढहाने से संबंधित है। मामला जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अवकाश पीठ के सामने लाया गया था।
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