नई दिल्ली: लगभग 11 महीनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सरहदों पर डटे किसानों के सड़कें बंद करने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त की है. दिल्ली की सीमा से किसानों को हटाने के लिए दाखिल याचिका पर सर्वोच्च अदालत ने वक़्त देते हुए 7 दिसंबर को अगली सुनवाई मुक़र्रर की है. शीर्ष अदालत ने सड़क से हटने को लेकर किसान संगठनों को जवाब दायर करने के लिए वक़्त दिया है.
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसके कौल ने कहा है कि सड़कें साफ होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते. आपको आंदोलन करने का अधिकार है, मगर आप सड़कों को जाम नहीं कर सकते. अब कुछ निराकरण निकालना होगा. सर्वोच्च न्यायलाय ने किसानों से दो टूक शब्दों में कहा कि सड़कों को जाम नहीं किया जा सकता. उन सड़कों से लोगों को आना-जाना पड़ता है. हमें सड़क जाम के मुद्दे से दिक्कत है.
सुप्रीम कोर्ट में सॉलिटिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले ही कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है. कभी-कभी आंदोलन वास्तविक वजह के लिए नहीं बल्कि अन्य कारणों के लिए होते हैं. इस पर विरोध व्यक्त करते हुए दुष्यंत दवे ने कहा कि क्या कृषि कानून एक परोक्ष मुद्दा है? ये किसानों की सच्चाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने किया झज्जर परिसर में 806 बिस्तरों वाले विश्राम सदन का उद्घाटन
MP: प्रो कबड्डी का नेशनल प्लेयर निकला तस्कर, पुलिस ने किया गिरफ्तार