नई दिल्ली: नाबालिग रेप अपराधों पर तत्काल सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने आज सोमवार को कई प्रदेशों के हाई कोर्ट को 2 और सप्ताह का अतिरिक्त वक़्त दिया है, जिसमें उसे वल्नरबल विटनेस कोर्ट रूम (असुरक्षित महसूस करने वाले चश्मदीदों के लिए विशेष तौर पर बनाये गये अदालत कक्ष) के गठन को लेकर अपनी-अपनी रिपोर्ट दायर करनी होगी.
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि नाबालिग बच्चों के साथ बढ़ते यौन अपराधों और अन्य अपराधों पर अंकुश के लिए प्रत्येक जिले में अभी तक वल्नरबल विटनेस कोर्ट रूम नहीं बनाए गए हैं. 2018 में महाराष्ट्र में एक मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने प्रत्येक राज्य को निर्देश दिया था कि हर जिले में वल्नरबल विटनेस कोर्ट रूम बनाया जाए, और इस संबंध में गत वर्ष 2019 में 4 अक्टूबर को नोटिस भी जारी किया था, किन्तु इस बारे में कई राज्यों के हाई कोर्ट की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं की गई है.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की बेंच ने देश में बढ़ते बाल यौन शोषण और अपराधों पर नियंत्रण के लिए प्रत्येक जिले में वल्नरबल विटनेस कोर्ट रूम नहीं बनाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए हाई कोर्ट को 2 अतिरिक्त सप्ताह का वक़्त दिया है जिसमें उसे संबंधित राज्यों की रिपोर्ट दाखिल करनी होगी कि वल्नरबल विटनेस कोर्ट रूम बनाए गए हैं या नहीं.
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