नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार (21 अक्टूबर) को उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में नए लकड़ी आधारित उद्योग स्थापित करने की अनुमति दे दी। यूपी सरकार ने एक मार्च, 2019 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए 3000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 80,000 से ज्यादा की रोजगार सृजन क्षमता के साथ इस उद्योग को स्थापित करने का निर्णय लिया था। NGT ने इस नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत के फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की संभावना बढ़ेगी।
न्यायमूर्ति बीआर गवई व न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की बेंच ने NGT के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया है। बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि, राज्य के सतत विकास के लिए और लकड़ी की उपलब्धता को देखते हुए लाइसेंस देने की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि, एक जिम्मेदार राज्य के रूप में पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं पर विधिवत ध्यान दिया जाना सुनिश्चित होना चाहिए।
यूपी सरकार के मुताबिक, NGT के फैसले में राज्य की चिंताओं के साथ, नोटिफिकेशन को केंद्र सरकार के समर्थन की अनदेखी की गई है। सरकार ने फैसले को ‘एकतरफा’ दृष्टिकोण पर आधारित करार दिया था। NGT ने अपने फैसले में एक मार्च, 2019 के नोटिस के अलावा उसके बाद जारी अस्थायी लाइसेंस को निरस्त कर दिया था।
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