नई दिल्ली. आप सरकार की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को सौंप दिया है, जिसमे ये कहा गया है की दिल्ली एक राज्य नहीं है और इसका प्रशासनिक मुखिया राज्यपाल है. जस्टिस ए के सिकरी और जस्टिस आर के अग्रवाल की पीठ ने कहा की इस केस में कानून और संविधान के विशेष और महत्वपूर्ण सवाल है, जिसे हल करने की जिम्मेदारी संविधान पीठ को करना चाहिए. बता दे की इस केस में संविधान पीठ के विचारार्थ मुद्दे तैयार नहीं किये गए. जस्टिस बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा है की इस प्रकरण की बड़ी स्तर पर बहस की जाए.
इस मामले में चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर इस प्रकरण की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन करेगे. सरकार ने कोर्ट से कहा है इस मामले की जल्दी सुनवाई करे क्योंकि इस प्रकरण के कारण दिल्ली में प्रशासन प्रभावित हो रहा है.
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था की विधान सभा के दायरे में आने वाले सभी मामलो में उसे शासकीय अधिकार प्राप्त है और केंद्र या राष्ट्रपति या उपराज्यपाल इसमें हस्तक्षेप नही कर सकते. दिल्ली सरकार ने कोर्ट से यह भी कहा की दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, भूमि और पुलिस के अलावा वे सारे अधिकार है जो राज्य और समवर्ती सूचियों में शामिल है. हम संविधान के अनुच्छेद 239 एए के अंतर्गत विशेष दर्ज चाहते है.
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