नई दिल्ली: केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने कप्पन के खिलाफ हाथरस मामले में साजिश रचने पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया था।
देश के नए मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस आर भट्ट की बेंच ने केरल के जर्नलिस्ट कप्पन की जमानत याचिका पर सुनवाई की। सर्वोच्च न्यायालय में जर्नलिस्ट कप्पन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने दलीलें दीं। कपिल सिब्बल ने कहा कि कप्पन का किसी भी संगठन से संबंध नहीं है। वह एक पत्रकार है और 6 अक्तूबर 2020 से जेल में कैद है। वहीं गरिमा प्रसाद ने यूपी सरकार की तरफ से दलीलें दीं। अदालत अब इस मामले में 9 सितंबर को फैसला देगी।
सर्वोच्च न्यायालय में वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि आरोप है कि PFI ने कप्पन के बैंक खाते में 45000 रुपये जमा किए। मगर इसका कोई भी सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि कप्पन एक पत्रकार है, उसका PFI से कोई संबंध नहीं है। वह कुछ वक़्त पहले एक ऐसे अखबार में काम करता था, जिसका PFI से ताल्लुक था।
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