नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी और उनकी मां के बीच जारी संपत्ति विवाद को लेकर आज यानी सोमवार को एक बार फिर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। संपत्ति विवाद के इस मामले में ललित मोदी की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे कोर्ट में पेश हुए, तो वहीं उनकी मां और बहन की ओर से कपिल सिब्बल ने जिरह की। इस मामले में शीर्ष अदालत ने मध्यस्थता के लिए न्यायमूर्ति आरवी रवींद्र को नियुक्त किया है।
सुनवाई के दौरान हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उन्होंने एक आवेदन दिया है। साल्वे ने आगे कहा कि इस मामले में दो वर्षों से कोई बैठक नहीं हुई है। आज बदले हुए हालात में ललित मोदी और समीर मोदी (भाई) एक ओर हैं, तो दूसरी ओर उनकी मां और बहन हैं। मामले को 3 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया है। सुनवाई के दौरान CJI एनवी रमण ने पूछा कि क्या सभी इस मामले में सुलह के लिए तैयार हैं। इस पर सिब्बल ने कहा कि मध्यस्थता के लिए यथास्थिति बनाए रखने की जरूरत है।
अदालत ने आगे कहा कि हम केवल यह देख रहे हैं कि क्या कोई समाधान संभव है। समीर मोदी की ओर से पेश हुए वकील श्याम दीवान ने कोर्ट से कहा कि सभी को पता है कि लाभार्थी के रूप में 25 फीसदी मुझे (समीर मोदी को) मिलना चाहिए। मैं केस से बाहर होने के लिए तैयार हूं। मगर इसके लिए एक रास्ता होना चाहिए। अदालत ने सवाल किया कि जब आप मध्यस्थता में गए और आपको 25 फीसद दिया जा रहा था, तो क्या अड़चन थी? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पार्टियों को गोपनीयता बनाए रखने और सोशल मीडिया का उपयोग न करने का निर्देश भी दिया।
बता दें कि CJI ने पिछली सुनवाई में कहा था कि इससे पहले मध्यस्थ नियुक्त किए गए थे, किन्तु फैसला नहीं हो सका। उन्होंने आगे कहा था कि दोनों पक्षों को निष्पक्ष होना चाहिए, दोनों पक्षों को निराकरण के साथ आना चाहिए।
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