लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई शीर्ष अदालत ने 13 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है कि यूपी में बिना जरूरी प्रक्रिया के किसी की भी संपत्ति अथवा निर्माण को ध्वस्त न किया जाए। इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा था कि जिनके भी निर्माणों को ढहाया गया है, वे अवैध थे और ध्वस्तीकरण में पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है।
गर्मियों की छुट्टियों में सुनवाई के लिए बैठी न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की बेंच ने कहा कि जब इस मामले की सुनवाई अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जारी है तो फिर उसे जारी रहने दिया जाए। अदालत ने कहा कि कल ही इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में हुई थी और कल भी से सुनवाई की तारीख है। इसके साथ ही जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा ने खुद ही अपने मुक़दमे को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
इससे पहले यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि जो भी कार्रवाई हुई है, उसमें प्रक्रिया का पालन किया गया है। इसके साथ ही बुलडोजर की कार्रवाई दंगों में आरोपी होने के कारण किसी के खिलाफ नहीं हुई है बल्कि अवैध निर्माण बनाने को लेकर की गई है। यूपी सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल कर यह बात कही गई है।
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