नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. देवबंद की चुनावी जनसभा में मायावती के बयान को लेकर सर्वोच्च न्यायालय सख्त हो गया है. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी फटकार लगाई है. दरअसल, मायावती ने देवबंद में अपने भाषण के दौरान मुस्लिम वोटरों को हिदायत देते हुए कहा था कि कांग्रेस कहीं भी लड़ाई में नहीं है, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद और बरेली मंडल में मुस्लिम जनसँख्या काफी अधिक है, सभी स्थानों पर गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच ही लड़ाई है.
मायावती ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस चाहती हैं कि मुस्लिम वोटों में विभाजन हो जाए. इस दौरान उन्होंने मुस्लिमों से मात्र गठबंधन को वोट करने का भी आग्रह किया था. मायावती के इस बयान को आपत्तिजनक करार देते हुए शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को लताड़ लगाते हुए पूछा कि उनके विरुद्ध अब तक क्या कार्रवाई की गई है. देश की सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि कानून के अनुसार वह मायावती के खिलाफ क्या एक्शन ले सकता है. इसके जवाब में निर्वाचन आयोग ने शीर्ष अदालत को बताया है कि वे मायावती के विरुद्ध शिकायत दर्ज करा सकता है.
मायावती के खिलाफ अब तक कोई एक्शन न लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए निर्वाचन आयोग से पूछा कि क्या उसे अदालत की शक्तियों के बारे में पता है? शीर्ष अदालत ने कहा कि निर्वाचन आयोग अब तक इस मामले में मात्र एडवाइजरी और नोटिस ही भेज रहा है. नाराज अदालत ने यह भी कहा कि सीएम योगी का बयान भी सही नहीं था. आगे सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को मंगलवार को तलब किया है. आपको बता दें कि सीएम योगी ने एक चुनावी रैली में कहा था कि कांग्रेस और गठबंधन दलों के लिए अली हैं तो भाजपा के लिए बजरंग अली हैं.
खबरें और भी:-
जया प्रदा से समर्थन में आई कांग्रेस, कहा- आज़म खान पर कार्यवाही करें अखिलेश
मेनका का चुनावी गणित, जहाँ से 80% वोट मिले वो A केटेगरी, जहाँ से हारी वो D केटेगरी
जया प्रदा के समर्थन में उतरे अमर सिंह, आज़म खान को बताया राक्षस