नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को शीर्ष अदालत में अपना जवाब दायर किया. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपनी एक टिप्पणी में यूपी के को ‘राम भरोसे’ कहा था. अब प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत में हेल्थ सिस्टम को लेकर जानकारी दी है.
यूपी सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि राज्य में 289 कम्युनिटी हेल्थ केयर सेंटर्स हैं, जिनमें हर किसी में दो बायपास मशीन मौजूद हैं. कुल 298 ऑक्सीजन सेंटर्स केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हैं, जबकि 20 हज़ार कंस्ट्रेटर प्रदेश सरकार द्वारा खरीदे जा रहे हैं. इस मामले की सुनवाई के दौरान SG ने शीर्ष अदालत के सामने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश का हवाला देते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने 1 महीने में प्रदेश के तमाम गांवों में 2-2 ICU एम्बुलेंस दिए जाने को कहा था, यह कहां तक व्यवहारिक है?
शीर्ष अदालत ने भी उच्च न्यायालय के इस आदेश को अव्यवहारिक माना है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि वह जनहित मामलों में दिए जाने वाले अदालत के आदेशों की सीमा निर्धारित करने पर भी विचार करेगा. फिलहाल इस केस पर अगली सुनवाई 10 अगस्त को की जाएगी. अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने बताया है कि राज्य में कुल 2200 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस मौजूद हैं, जबकि 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं. इनके साथ ही कुल 1771 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर प्रदेश के 273 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स में दिए जा चुके हैं.
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