'सभी को एक सामान मिले गुजारा भत्ता...' याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से माँगा जवाब

'सभी को एक सामान मिले गुजारा भत्ता...' याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से माँगा जवाब
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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से बुधवार को उस याचिका पर अपना रुख साफ़ करने के लिए कहा है, जिसमें वैवाहिक विवादों में रखरखाव और गुजारा भत्ता ''लैंगिक और धर्म'' के आधार पर भेदभाव किए बिना देने का आग्रह किया गया है. प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय और महिला और बाल विकास मंत्रालय को नोटिस भेजते हुए भाजपा नेता एवं वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दाखिल की गई याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है। 

बता दें कि मामले की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस ए. एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रामा सुब्रमण्यन भी शामिल थे. पीठ ने उपाध्याय की तरफ से पेश हुई वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा के तर्क सुनकर कहा कि, '' हम पूरी सर्तकता के साथ नोटिस जारी कर रहे हैं.'' याचिका में रखरखाव और गुजारा भत्ता देने से संबंधित प्रचलित विसंगतियों को दूर करने और उसे धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर बगैर भेदभाव के सभी नागरिकों के लिए एक समान बनाने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया है.

याचिका में कहा गया कि संविधान में स्पष्ट प्रावधान होने के बाद भी, केन्द्र सरकार सभी नागरिकों को लैंगिक, धार्मिक भेदभाव के बगैर  गुजारा भत्ता देने में नाकाम रही है. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस तरफ  ध्यान देना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि अब सरकार को इस तरफ ध्यान देकर प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि आने वाले वक़्त में किसी भी शख्स को इस तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

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