नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में कैंसिल हुई उड़ानों के टिकट के पूरे पैसे वापस करने की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान एयरलाइंस कंपनियों ने कहा कि उनका उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ. एयरलाइंस कंपनियों ने पैसों को 2 वर्ष के क्रेडिट शेल में डालने की इजाजत मिले.
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए तीन हफ्तों में जवाब देने के लिए कहा है. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से एक स्टैंड लेने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार और एयरलाइंस समाधान पर मंथन करें. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 3 हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है. स्पाइसजेट ने शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान कहा कि दुनिया में कहीं भी कैंसिल टिकट के पूरे पैसे वापस नहीं किए गए. हम मामले के समाधान के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ बैठकर वार्ता करना चाहते हैं.
इसके साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने एयरलाइंस कंपनियों से पूछा है कि कैंसिल टिकट के पैसे वापस करने का वक़्त 2 साल से कम क्यों न कर दिया जाए और क्या इस पैसे का इस्तेमाल लोग दूसरे रूट का टिकट बुक करने के लिए कर सकते हैं.
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