भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों को तत्काल न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट इस मामले पर 7 अप्रैल को फिर सुनवाई करेगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि समाज सेवी हर्ष मांदर और अंजली भारद्वाज की तरफ से इस मामले में याचिका फाइल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. अब कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 7 अप्रैल को करेगा.
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देश में उत्पन्न हुई परिस्थिति को लेकर स्वास्थ मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि प्रवासी लॉकडाउन की स्थिति में सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक संकट से गुजर रहे हैं. मंत्रालय ने कहा है कि कभी-कभी, प्रवासी मजदूरों स्थानीय समुदाय के उत्पीड़न और नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ता है. यह सब सामाजिक सुरक्षा की मांग को मजबूत करता है.' इसमें आगे कहा गया है कि प्रवासी श्रमिकों को अस्थाई आश्रयों में कुछ दिन बिताने के लिए ले जाया जाता है, जिनमें आइसोलेशन वार्ड भी शामिल हैं. बता दें कि प्रवासी श्रमिकों के सामने भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल, संक्रमित होने का डर और मजदूरी का नुकसान होने व परिवार को लेकर चिंता होती है.
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