नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में वर्ष के पहले कार्यदिवस पर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) मुद्दे पर सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने NRC समन्वयक हितेश देव सरमा के NRC से बाहर किए गए लोगों से संबंधित फेसबुक पोस्ट पर नोटिस जारी किया है. शीर्ष अदालत ने आज सोमवार को NRC समन्यवक हितेश देव सरमा को नोटिस जारी करते हुए उनके फेसबुक पोस्ट पर सफाई देने के लिए कहा है.
इसके साथ ही अदालत ने केंद्र और असम सरकार को नोटिस जारी करते हुए एनआरसी से बाहर किए गए लोगों की स्थिति और समन्वयक के बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है. अदालत ने असम सरकार से राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के राज्य समन्यवक की तरफ से दिए गए सांप्रदायिक बयान पर सफाई मांगी है. गत वर्ष नवंबर में असम सिविल सेवा अधिकारी हितेश देव सरमा को NRC का राज्य समन्वयक नियुक्त किया गया था.
उन्हें प्रतीक हजेला के स्थान पर यह दायित्व सौंपा गया है. प्रतीक हजेला ने शीर्ष अदालत की निगरानी में 31 अगस्त को NRC का अंतिम संस्करण प्रकाशित किया था. देश की सबसे बड़ी कोर्ट ने NRC सूची से बाहर किए गए उन बच्चों के संबंध में भी रिपोर्ट मांगी है, जिनके माता-पिता का नाम एनआरसी लिस्ट में तो है, किन्तु उनके बच्चों का नाम शामिल नहीं है. मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने अटॉर्नी जनरल के माध्यम से केंद्र को जवाब देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि पहले हमें तथ्यों को देखना होगा. अभी बहुत मुश्किल स्थिति हैं.
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