नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता चिन्मयानंद के खिलाफ दाखिल ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई से शीर्ष अदालत के जस्टिस आर भानुमति (R. Banumathi) ने अपने आप को अलग कर लिया है. उन्होंने इसके पीछे की वजहों का खुलासा नहीं किया है. बता दें कि याचिका में मामले को लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि चिन्मयानंद काफी रसूख वाले व्यक्ति हैं. वह मंत्री पद पर भी रह चुके हैं. लिहाजा मामले को ट्रांसफर किया जाए. आपको बता दें कि बीती 3 फरवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चिन्मयानंद के खराब स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें जमानत प्रदान कर दी थी. इसके इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को पीड़िता ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी.
अदालत पीड़िता की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया था. अब यह खबर आ रही है कि न्यायमूर्ति आर भानुमति ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को रेप के एक मामले में 3 फरवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने जमानत पर फैसला देते हुए चिन्मयानंद को रिहा करने का आदेश दिया था.
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