नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति एमआर शाह आज सोमवार (15 मई) को रिटायर हो गए हैं। उनके अंतिम वर्किंग डे के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसके साथ ही प्रधान न्यायाधीश (CJI) के नेतृत्व में आखिरी बार वह बेंच का हिस्सा भी बने। शीर्ष अदलात के सिटिंग जज के रूप में अपनी अंतिम स्पीच देते हुए जस्टिस एमआर शाह भावुक हो गए।
उन्होंने कहा कि यह मेरा रिटायरमेंट नहीं है, बल्कि एक नई पारी का आगाज़ होगा। मैं तो भगवान से चाहूंगा कि वह मुझे नई पारी की तरफ मजबूती के साथ आगे बढ़ने की शक्ति दें। न्यायमूर्ति शाह ने आगे कहा कि मैं शायद इतने सम्मान का हकदार नहीं हूं, जो आप लोगों ने मुझे दिया है। मगर, मैं इसे स्वीकार करता हूं, क्योंकि यह मेरे लिए विदाई के उपहार की तरह है। इस अवसर पर शीर्ष अदालत के जजों के अलावा बार काउंसिल के वरिष्ठ सदस्यों ने भी अपने विचार प्रकट किए।
अटॉर्नी जनरल वेंकटरमानी, सॉलिसिटरल जनरल तुषार मेहता, ASG एसवी राजू सहित कानून जगत की दिग्गज हस्तियों ने जस्टिस एमआर शाह के साथ गुजारे पलों को याद किया। इसके अलावा CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने भी अनोखे अंदाज़ से एमआर शाह के कार्यकाल को याद किया। उन्होंने कहा कि, 'एमआर शाह और मैं कई बार बुरे समय में साथ ही बैठे। कोरोना काल भी ऐसा ही था। उनके साथ काम करना और फैसलों के लिए बैठना बेहद अच्छा रहा। चाहे वह क्रिमिनल मुकदमों की बात हो या फिर GST कानून। हम हमेशा किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहे।'
वहीं, इस दौरान जस्टिस एमआर शाह बेहद भावुक नज़र आए और उन्होंने कहा कि अगर मैंने अपने कार्यकाल में किसी का दिल दुखाया हो, तो मुझे माफ कर देना, गलती से मुझसे कोई आहत हुआ हो तो, मुझे माफ कर देना. उन्होंने कहा कि मैंने जानबूझकर कभी किसी को ठेस नहीं पहुँचाना चाहा। मैंने हमेशा ही अपने काम को पूजा की तरह समझा। मैं आप लोगों द्वारा दिए गए प्यार से अभिभूत हूं। मैं बार और रजिस्ट्री के भी सभी लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हूं। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने मशहूर अभिनेता राजकपूर पर फिल्माए एक गीत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, 'कल खेल में हम हो ना हों, गर्दिश में तारे रहेंगे सदा।'
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