NRC से बाहर रखे गए ट्रांसजेंडर्स ? SC ने केंद्र और असम सरकार से माँगा जवाब

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नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने असम में अंतिम रूप से प्रकाशित की गई राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) में लगभग दो हजार ट्रांसजेन्डर लोगों को कथित रूप से शामिल नहीं करने के मामले में सोमवार को केन्द्र और असम सरकार को नोटिस जारी करते हुए  जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्य कांत की पीठ ने स्वाति बिधान बरूआ की जनहित याचिका पर केन्द्र और असम सरकार को नोटिस जारी किए हैं।

असम से पहले ट्रांसजेन्डर जस्टिस बरूआ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की प्रक्रिया और इसके बाद सूची के फाइनल ड्राफ्ट के प्रकाशन के दौरान ट्रांसजेन्डर वर्ग को अलग रखने के दृष्टांत बताते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है। इससे पहले राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) प्रक्रिया पर रोक लगाने से शीर्ष अदालत ने साफ़ इनकार कर दिया है. 

हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और NPR को लेकर दाखिल नई याचिकाओं को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. बता दें कि NPR पर रोक लगाने के लिए सोमवार को जनहित याचिका दाखिल की गई थी. NPR याचिका में कहा गया है कि NPR के लिए जो जानकारी जुटाई जाएगी, उसका दुरुपयोग होने से बचाने के लिए कोई गारंटी नहीं है. 

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