वॉशिंगटन: गुजरात में एक पावर प्लांट के खिलाफ भारतीय ग्रामीणों की एक अपील की सुनवाई अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट करेगा. प्लांट की वजह से कथित तौर पर पर्यावरण को नुकसान होने की बात को लेकर इस अपील में इसके लिए अमेरिका के इंटरनैशनल फाइनैंस कॉर्पोरेशन के फंड देने का जिक्र भी है. सु्प्रीम कोर्ट ने कहा , ‘याचिका स्वीकार की जाती है. इस मामले की सुनवाई अक्टूबर से शुरू हो रहे अगले सत्र में की जाएगी.'' दायर याचिका में कई किसानों और मछुआरों सहित ग्रामीणों की अगुवाई कर रहे बुद्ध इस्माइल जाम ने आरोप लगाया कि कोयले से चलने वाली टाटा मुंद्रा पावर प्लांट से व्यापक तौर पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है.
वॉशिंगटन डीसी स्थित आईएफसी इस प्रॉजेक्ट के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद कर रहा है जो की विश्व बैंक की आर्थिक शाखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह यह तय करेगा कि क्या आईएफसी के पास ‘इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशन इम्यूनिटी ऐक्ट’ 1945 के तहत छूट है या नहीं. निचली अदालतों द्वारा उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार करने के बाद जाम और अन्य याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
अपनी याचिका में ग्रामीणों ने दलील दी है कि टाटा मुंद्रा पावर प्लांट, अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय मानकों का पालन करने में विफल रही है. इसके परिणामस्वरूप स्थानीय पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है. मामला इंटरनेशनल हो गया है और अब सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सबकी नज़रे है.
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