नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार कार्ड के उपयोग को अनिर्वाय बनाने की अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। गौरतलब है कि इस तरह की अधिसूचना 30 जून से प्रभावी होना है। न्यायालय ने रोक लगाने से इन्कार करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने इस नियम के पालन होने में छूट को 30 सितंबर तक बढ़ाया है। न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई 7 जुलाई को करने का निर्णय लिया है।
वैसे इस मामले में नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन राइट की पूर्व कमिश्नर शांता सिन्हा ने याचिका दायर की थी जिस पर न्यायालस ने 17 मई को सुनवाई की थी। इस मामले में कई जनहित याचिकाऐं दायर हो चुकी हैं। दरअसल मौजूदा स्थिति में केंद्र सरकार ने जो नियम जारी किया था उसके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है केवल उन्हें ही छूट का लाभ दिया गया है जबकि छूट तो सभी के लिए होना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने आशंका जताई कि बच्चों और अन्य लोगों को योजनाओं का लाभ लेने से रोका जा सकता है न्यायालय ने कहा कि यदि 30 जून के बाद आधार कार्ड नहीं है तो फिर किसी को योजनाओं का लाभ लेने से रोका जाता है तो फिर न्यायालय को इसकी जानकारी दी जाना चाहिए। गौरतलब है कि इस मसले पर केंद्र ने कोर्ट में कहा कि 22 जून को एक और नोटिफिकेशन जारी कर कहा गया है कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है वो 30 सितंबर तक आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं और दूसरे आईडी के जरिए योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। लेकिन जिनके पास आधार कार्ड हैं उन्हें 30 जून तक देना होगा।
ऐसे में ये कहना ठीक नहीं है कि आधार ना देने पर किसी को योजनाओं से वंचित किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय का कहना था कि आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर जो भी याचिकाऐं आई हैं उनकी एक साथ सुनवाई होना चाहिए। हालांकि केंद्र सरकार ने अपने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी के माध्यम से सुनवाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि संविधान पीठ द्वारा मामले की सुनवाई की जा रही है और दो जजेस की बेंच को सुनवाई नहीं की जाना चाहिए।
मुकुल रोहतगी ने बताया कि करीब 125 करोड़ लोगों में से 110 करोड़ लोगों का आधार कार्ड तो तैयार हो गया है। शांता सिन्हा ने जो याचिका दायर की थी उसमें कहा गया था कि सरकार की योजनाओं मिड डे मिल, राइट टू एजुकेशन, स्काॅलरशिप आदि योजनाओं में आधार कार्ड को अनिवार्य बना दिया गया है लेकिन कई लोगों को अभी भी आधार के उपयोग की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में ये लोग इन योजनाओं के लाभ से वन्चित हो सकते हैं। सरकार का नोटिफिकेशन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरीत है इसलिए इन नोटिफिकेशन पर अंतरिम रोक लगनी चाहिए। रंजीत कुमार ने कहा था कि इस मामले में पहले ही संविधान पीठ सुनवाई कर रही है जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दो जजेस की बेंच अंतरिम तौर पर लगाई गई रोक के मामले पर सुनवाई करेगी।
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