नई दिल्ली: SC/ ST एक्ट में संशोधनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि हम कानून के प्रावधानों को नहीं हटाने वाले. परिवर्तन करने की भी ज़रूरत नहीं है और न ही हम संशोधन को निरस्त करने वाले हैं. इस तरह सरकार को इस मसले पर शीर्ष अदालत से बड़ी राहत मिली है.
सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि SC/ST एक्ट की शिकायत मिलने पर यदि पुलिस को शिकायत को लेकर कुछ शक है तो कोई कार्रवाई करने से पहले पुलिस मामले की जांच करेगी. दरअसल, संशोधनों के माध्यम से कानून में तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधानों को हल्का करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को निरस्त कर दिया गया था. पिछले दिनों शीर्ष अदालत ने अपने 20 मार्च के फैसले को बदल दिया था.
इस वर्ष जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने संशोधनों पर रोक लगाने से मना कर दिया था. इन संशोधनों के माध्यम से इस कानून के तहत मामला दर्ज होने के बाद आरोपित को अग्रिम जमानत नहीं दिए जाने के प्रावधान को फिर से बहाल कर दिया गया था. गत वर्ष 9 अगस्त को इससे संबंधित विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था.
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