नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश के करीब 10 करोड़ बुजुर्ग लोगों के वैधानिक अधिकार को मान्यता मिलनी चाहिए और सही तरीके से उनका पालन किया जाना चाहिए। जानकारी के अनुसार बता दें कि शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से यह जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा है कि हर जिले में कितने वृद्धाश्रम हैं। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया है कि बुजुर्गो के लिये पेंशन व्यवस्था पर नए सिरे से गौर किया जाए, जिससे कि यह अधिक वास्तविक लगे।
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वहीं बता दें कि न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सामाजिक न्याय के पहलू पर जोर देते हुए कहा है कि राज्य का यह दायित्व है कि वह सुनिश्चित करें कि बुजुर्ग सहित अन्य नागरिक सम्मान केसाथ रह सके और सभी को बेहतर स्वास्थ्य मिले। इसके साथ ही बता दें कि पीठ ने केंद्र सरकार को सभी राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों से यह जानकारी जुटाने केलिए कहा गया है कि हर जिले में कितने वृद्धाश्रम हैं। इसके साथ ही पीठ ने यह भी जानकारी जुटाने के लिए कहा है कि हर जिले में बुजुर्ग लोगों के लिए क्या चिकित्सा सुविधाएं हैं।
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इसके साथ ही पीठ ने कहा कि जानकारी जुटाने के बाद केंद्र सरकार को कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। साथ ही बुजुर्गों लोगों को उनके संवैधानिक व वैधानिक अधिकारों से जागरूक करने के लिए कहा है। इसके अलावा जोर-शोर से इस वर्ष 2007 के कानून का प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। पीठ ने केंद्र सरकार को 31 जनवरी तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
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