नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार यानि आज भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की याचिका पर सुनवाई को 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है। मामले की सुनवाई इसलिए टाली गई है क्योंकि एक दस्तावेज रिकॉर्ड में मौजूद नहीं था। दरअसल, माल्या ने चार करोड़ डॉलर अपने बच्चों के खातों में ट्रांसफर करने के लिए कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराने वाले अदालत के 2017 के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस मामले पर सुनवाई की। उन्होंने मामले की सुनवाई इसलिए टाल दी क्योंकि एक दस्तावेज रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने जून में अपनी रजिस्ट्री को यह बताने का निर्देश दिया था कि माल्या की पुनर्विचार याचिका विगत तीन वर्षों से संबंधित अदालत के सामने सूचीबद्ध क्यों नहीं की गयी। अदालत की रजिस्ट्री को उन अधिकारियों के नामों सहित तमाम जानकारियां देने का निर्देश दिया गया था, जिन्होंने विगत तीन वर्षों में पुनर्विचार याचिका से संबंधित फाइल संभाली।
भगोड़े कारोबारी माल्या ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट के 9 मई 2017 के उस आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की थी जिसमें उसे आदेश का उल्लंघन कर अपने बच्चों के अकॉउंट में चार करोड़ डॉलर स्थानांतरित के लिए कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया गया था। बैंक के साथ 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाला माल्या अभी ब्रिटेन में रह रहा है।
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